विपदा में नव संपदा
विपदा में नव संपदा 🔰
नव -नव ,नव दीप जलाओ,
नव दीप जलाओ l
अंधकार ,अज्ञान भगाओ ,
नव- नव ,नव दीप जलाओ ll
शिशु रहता नौ महीने गर्भ में,
नवधा अंग से भूषित तन में ,
नव द्वारों पे पहरे बैठाओ,
नव- नव, नव दीप जलाओl
चित्त के होते हैं नव विकार,
विकारों को दें हम दुत्कार,
प्रतिदिन शोधन करते जाओ,
नव-नव,नव दीप जलाअो|
नव रसों का है यहां विस्तारा,
इसमें उलझा रहता जग सारा ,
नेह- वर्तिका बन प्रकाश फैलाओ,
नव- नव, नव दीप जलाओ |
(नव=नौ,नूतन,प्रभु दर्शन)
✍️
प्रतिभा भारद्वाज स.अ.
पूमावि वीरपुर छबीलगढ़ी
जवां
अलीगढ़
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