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नन्ही शक्सियत

January 30, 2015
नन्ही शक्सियत जिसे कहते हैं हम आने वाला कल, आज यहीं कहीं तो खोया होगा , हम हाथ में लेकर जुगनुओं को खोजते उसका पता-ठिकाना और रचते ज...Read More

दोहे

January 27, 2015
विपदा के दिन भी भले, रहते हैं दिन चार हित-अनहित का भेद दें, सिखायें जगत सार अंखियन की आशायें ,लखे सहज मनमीत हृदय सुनाये क्यों वही, विर...Read More

श्रृद्धांजलि

January 27, 2015
चित्रों मे मर्म तीखा सच्चा था वो तरीका सब चित्र बोलते थे कहने का था सलीका सब लोग समझ लेते उस चित्र की कहानी थीं बात ज़िन्दग़ी की भर...Read More

बाल पत्रिका:स्वरुप परिवर्तन की आवश्यकता

January 26, 2015
बाल मन कोरे कागज़ की तरह होता है जिसपर जैसी छाप दी जाएगी बच्चा वैसा ही आगे चलकर व्यव्हार करता है।इसलिए ये निहायत ही जरूरी है कि बच्चों के म...Read More

जीवन चक्र

January 26, 2015
जन्म' आह्लाद की गठरी। ठहाके.... फ़िर... पथ संघर्ष का और उसपर घिसटता काल चक्र और उससे स्पर्धा करता जीवन और पीछे छूटते.... ...Read More

मेरे अपने

January 24, 2015
जब वह नज़दीक से गुजरे, बरबस ! झुक गई नज़रें, अब उठना नही चाहती थीं क्योंकि आभास था उन्हे 'अपनेपन' की कुटिलता का कितनी ही बार...Read More

वासंती मुक्तक

January 24, 2015
बसंती हो गया मौसम, सुनो ऋतुराज आया है हवा ने छेड़ दी सरगम, सुनो ऋतुराज आया है सुहानी भोर है, तो और मतवाली हुई संध्या नशीली हो गई शबनम, स...Read More

जवानो को समर्पित

January 24, 2015
लगे जो गोलिया दुश्मन की, तो हस कर झेलते होंगे | लुटाते होंगे अपनी जाँ,जय हिन्द बोलते होंगे || ये है उनकी निगेहबानी ,जो हम मह्फूज इतने है ...Read More

शहीदों को समर्पित

January 24, 2015
शहीदों ने लुटा दी जाँ वतन की आबरू खातिर | जिन्हें हम भूल ही बैठे मिला भी क्या उन्हें आखिर || कहीं वो फिर से आ जाते तो ग़म उनका न कम होता...Read More

विद्यादायिनी

January 23, 2015
नही भ्रमवश तितिक्षायें, उपासना नित ज्ञान विस्मृत लोभ - लिप्सायें, आराधन का ध्यान आराधन का ध्यान , निशिदिन विद्यादायिनी उल्लासित मन सदा,...Read More

विविधरंगी दोहे

January 22, 2015
रतनारे लोचन सजल, हृदय अनकही पीर। बिन प्रियतम लू सम लगे, शीतल मंद समीर।। नैन छबीले बावरे, साजन बिन बेचैन। सुधि आवत भीगत हिया, बरसत हैं ...Read More

चवन्नी...

January 18, 2015
स्कूल जाते वक़्त की राहें याद आती हैं ; कुछ खाने को दी हुई माँ की अठन्नी याद आती है, नोटों का ज़माना है सिक्कों को कौन पूछता है; नानी...Read More

दानों का लालच

January 17, 2015
वह एक शिकारी झाड़ी मे, लिये जाल बैठा था । जंगल की चिड़िया पकड़-पकड़, वह जंगल मे लहटा था । हाथों मे उसके कुछ दाने, जंगल सब जाने-पहचाने, ...Read More

एक पल की हार

January 17, 2015
'ज़िन्दग़ी' कि कोई निश्चित परिभाषा नही, बल्कि यह तो एक शब्द की विस्तृत व्याख़्या है इंसान कल का जीवन आज मे जीता है, और ख़त्म हो ज...Read More

द्वार मन का..

January 15, 2015
द्वार मन का हमारे लिए खोल दो शुष्क मौसम में रस-माधुरी घोल दो क्यों प्रकम्पित अधर, मौन ओढ़े रहें बात दिल में रखो मत, चलो बोल दो - पुष...Read More

बिक गई माँ

January 13, 2015
बच्चा पैदा हुआ.... बेहोश हो चुकी माँ ने कुछ समय बाद दम तोड़ दिया... बेचारा बाप... माँ की अन्तिम यात्रा की तैयारी करे या फिर अपने नवजात की भ...Read More

कुण्डलिया छंद

January 13, 2015
माया के बाज़ार में, बहुरंगी हर चीज। यूँ भटका मन बावरा, ज्यों ऊसर में बीज।। ज्यों ऊसर में बीज, जगत में ठग बहुतेरे। काम-क्रोध-मद-लोभ, सभी ...Read More

दद्दा द्रोणाचार्य

January 09, 2015
आज बड़का दद्दा से अचानक मुलाकात हुई गई....अचानक माने ई नही कि हम कब्बौ मिलतेहे नही.....माने ई कि आज का मउसम सबसे ज्यादे ठंडा था .... अऊर दद...Read More

सर्द रात

January 08, 2015
रात गहराती जा रही थी,सर्दी पूरे शबाब पर थी। प्लेटफार्म के जनरल वेटिंग रूम के सबसे अंतिम छोर पर कोने में पड़े बूढ़े कुली दीनू के पैर सिकुड़ते ...Read More

पिछला सब कुछ .......

January 05, 2015
पिछला सब कुछ भुला दे रहा हूँ मैं ज़ख्मों को अपने छुपा दे रहा हूँ बीती बातें अकेले में कचोटती हैं मुझको मैं सच सच तुम्हे सब बता दे रहा ...Read More

औरत का हिस्सा

January 05, 2015
औरत जाँत पर रखा दाना है पिसती है लगातार पिसती है घुटती है लगातार घुटती है अपनी सारी ताकत लगा देती है जाँत से बाहर आने को पर अथाह बोझ क...Read More