साथी Unknownदिसंबर 21, 2014 बीच सफ़र में साथ छोड़ दे उस साथी की चाह नहीँ प्रेम हमारा ऐसा हो जिसकी कोई थाह नहीँ बाहे जिसकी घर बन जाए बातें जिसकी खजाना हों प्...Read More
चन्दन की खुशबू Unknownदिसंबर 19, 2014 चन्दन को आज की सुबह बहुत अच्छी लग रही थी क्योकि आज पहली बार ऐसा हुआ था कि उसके पिता जी उसे न सिर्फ सड़क तक छोड़ने आये बल्कि आज घर में भी उ...Read More
कौन हलाहल पान करे... निर्दोष 'कान्तेय'दिसंबर 17, 2014 रत स्वार्थ हुआ नर आज यहाँ, अपने हित की बस बात विचारे । अब कौन हलाहल पान करे, अब कौन धरा पर गंग उतारे। सबके दुख दारुण कौन...Read More
दोहरी शिक्षा व्यवस्था Avanindra singh jadaunदिसंबर 15, 2014 अविश्वाश करने के लिए सरकारी शब्द ही काफी है फिर हमें सरकारी स्कूल सरकारी अस्पताल आदि कहने की आवश्यकता नहीं बचती ।सरकारी स्कूल में बच...Read More
स्त्री : पुरुष के समकक्ष ? Jyoti awasthiदिसंबर 06, 2014 स्त्री होना हर स्त्री का एक अलग अनुभव होता होगा, किसी के लिए दुखद और किसी के लिए सुखद। हर स्त्री के अपने अनुभव होते हैं, किसी ने बचपन बंदि...Read More