मेरे पापा Pranjal SaxenaJune 18, 2017 मेरे पापा सबसे अच्छे.... सबसे प्यारे..सबसे सच्चे... जब भी....जो भी...माँगूँ मैं.... झट से मुझको लाकर देते.... मेरे मन की बातों को........Read More
माँ याद बहुत ही आती है Pranjal SaxenaMay 13, 2017 जब मैं बिटिया थी माँ को कम समझती थी... उसकी गुस्सा को बेवज़ह है... यही समझती थी.... रूठ जाती थी जब जी चाहे... वो मनाएं मुझे... इसे...Read More
स्कूल चलें हम Pranjal SaxenaApril 12, 2017 स्कूल चलें हम स्कूल चलें हम स्कूल चलें हम स्कूल चलें हम आओ मिलकर हम सब हाथों में ले कलम.... लिखें अपनी तक़दीर हम.... तक़दीर हम.... स्क...Read More
हम शिक्षक हैं Pranjal SaxenaMarch 20, 2017 इन नन्हे-मुन्नों की हम तक़दीर बदल देंगे... हम शिक्षक हैं बेसिक की तस्वीर बदल देंगे... नवाचार अपनाकर हम पढ़ाएंगे.... खेल खेल में बच्चों को...Read More
बढ़ता चल Pranjal SaxenaMarch 02, 2017 बढ़ता चल बढ़ता चल ये ज़िन्दगी एक जंग है तू इससे लड़ता चल ठहरा हुआ पानी किसी काम नहीं आये रुकने वाला कभी मंज़िल नहीं पाए तू बहती नदिया ब...Read More
भारत माँ की व्यथा... Pranjal SaxenaJanuary 25, 2017 भारत माँ के सीने में भी नश्तर चुभता होगा.... अपनों के हाथों जब उसने सब लुटते देखा होगा..... व्यर्थ गयी सबकी कुर्बानी बलिदान सबका व्यर्थ ...Read More