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जिंदगी और छुट्टी (गज़ल)

दिसंबर 28, 2024
जिंदगी और छुट्टी (गज़ल) कभी तो खुद से छुट्टी भी ले लूँ,   ज़िंदगी से थोड़ी रुख़सत ले लूँ।   दिन-रात की दौड़ ने थका दिया है,   ख़्वाबों से को...Read More

सूखते तालाब, बुझते एहसास (गज़ल)

दिसंबर 20, 2024
सूखते तालाब, बुझते एहसास (गज़ल) मिला था जीवन का हर एहसास खो गया,   तालाब सूखते ही वो मधुमास खो गया।   गूंजते थे मंत्र और भजन हर एक ओर,   धार...Read More

जिज्ञासा की रोशनी (ग़ज़ल)

दिसंबर 14, 2024
जिज्ञासा की रोशनी  (ग़ज़ल) कौतूहल की लौ जलाते रहो,   सपनों के दीप सजाते रहो।   हर सवाल एक नई राह है,   जवाब दिल से तलाशते रहो।   जो गिरके उठ...Read More

अलग और विशेष दिखने की चाह (ग़ज़ल)

दिसंबर 11, 2024
अलग और विशेष दिखने की चाह  (ग़ज़ल) हर शख़्स को है ख़्वाब अलग ही दिखे, इस राह में बेहिसाब अलग ही दिखे। चेहरे पे नक़ाब और बातों में फरेब, ...Read More

सड़क और फुटपाथ (ग़ज़ल)

दिसंबर 08, 2024
सड़क और फुटपाथ (ग़ज़ल) टूटी सड़क हर बार बन जाती है,   फिर भी वही तस्वीर छन जाती है।   पैरों की ज़ुबां कोई समझता नहीं,   फुटपाथ की हालत सिसक ...Read More

प्रत्यक्ष और परोक्ष (गज़ल)

दिसंबर 03, 2024
  प्रत्यक्ष और परोक्ष (गज़ल) प्रत्यक्ष दिखे जो, सच्चाई नहीं होती, परोक्ष में छुपी हर अच्छाई नहीं होती। आँखों को जो भाए, वो झूठ भी लगे सच, दि...Read More

प्रकृति की शिक्षाएँ

दिसंबर 02, 2024
प्रकृति की शिक्षाएँ प्रकृति की सारी सुन्दरता, देती हमको सुन्दर सीख। मन में रखो सदा प्रेम भाव, जीवन का यही सुन्दर संगीत।। सागर की लहरों से सी...Read More

वो झुके हुए कंधे

नवंबर 27, 2024
एक  रिटायर्ड हुए व्यक्ति की व्यथा... जब उसके पास ना तो पेंशन है और ना ही बचाई हुई संपत्ति।   वो झुके हुए कंधे दूर से आते देखा   जर्जर हुए उस...Read More

लगे यदि राह में ठोकर (गज़ल)

नवंबर 27, 2024
ग़ज़ल   लगे यदि राह में ठोकर झुके हैं । नही कमजोर अपने हौसले हैं । गई बातों के किस्से दिन ढले तक, निगेटिव ही क्यों इतना सोचते हैं । किसी हद ...Read More

सुनने और कहने की दास्तां (ग़ज़ल)

नवंबर 26, 2024
सुनने और कहने की दास्तां  (ग़ज़ल) कान सुनते हैं ख़ामोशियों की ज़ुबां, जैसे लफ़्ज़ों में हो हर ख़ुदा का निशां। जो सुनना न चाहे, वो भी सुन ...Read More

इंसान और अख़बार का आइना (ग़ज़ल)

नवंबर 24, 2024
इंसान और अख़बार का आइना (ग़ज़ल) इंसान अब इंसान नहीं, अख़बार सा दिखता है, हर चेहरा जैसे झूठी किताब सा दिखता है। दिखावे के पीछे छुपी है सच्...Read More

बेटी से मां तक की यात्रा

नवंबर 23, 2024
बेटी से मां तक की यात्रा आंगन से लगा चौका  चौके में बैठी अम्मा , सोंधी सी महकी रोटी ,  सब्जी में महकी धनिया  चौके से बोली अम्मा , ले आओ पानी...Read More

बढ़ती कीमत और घटते मूल्य

नवंबर 23, 2024
बढ़ती कीमत और घटते मूल्य महंगी हुई हवाएं, सस्ता हुआ जमीर, सिक्कों में तौला जाने लगा हर एक पीर। खरीद लो खुशी को बाजार से कहीं, दर्द मुफ़्...Read More

भ्रम और सियासत के साये

नवंबर 17, 2024
भ्रम और सियासत के साये हकीकत से जो आँखें चुराते रहे,   भ्रमों के महल वो सजाते रहे।   जो कह दें, वही सत्य ठहराएंगे,   सियासत के रुख़ बस दिखात...Read More

जमाना खराब है

नवंबर 15, 2024
गजब का था तूफान ...तुम क्या जानो  यह तो हम है कि चल रहे है इन हवाओं की बेपरवाही कश्ती ही जा डुबोती  यह तो हम हैं कि चल रहे हैं। वक्त का खंजर...Read More

अपराजिता

नवंबर 15, 2024
अपराजिता                           प्राप्त ,अधीन किया यद्यपि, केवल तन से तन को , लेकिन मन   तो सदा अछूता , मुक्त ,मुदित ,पावन गंगा सा । झूठ ...Read More

"शिक्षक का सपना: ताकत और पहचान का सफर"

नवंबर 12, 2024
 "शिक्षक का सपना: ताकत और पहचान का सफर" शहर के एक व्यस्त चौराहे पर भीड़ का हुजूम था। हर कोई अपनी गाड़ी पर ‘वकील’, ‘पुलिस’, ‘पत्रका...Read More

ऐसी दीपावली

अक्टूबर 30, 2024
ऐसी दीपावली चलो इस बार  कुछ ऐसी दीपावली मनाते हैं।  इस बार  कुछ मिट्टी के दीए  उनसे खरीद लाते हैं। उन दीयों से  घर का कोना-कोना सजाते हैं। च...Read More