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हम शिक्षक

May 30, 2017
माना अपनी अभिव्यक्ति का, हमको है अधिकार नहीं। पर अपने भावों का मर्दन, हमको भी स्वीकार नहीं॥ भावों का हम न करें प्रदर्शन, दुनिया ये बा...Read More

मैं शिक्षक हूँ

May 29, 2017
मैं शिक्षक ! मैं शिक्षक हूँ कुछ ऐसा करने आयी हूँ बदल समाज की दृष्टि को ज्ञान का दीप जलाऊँगी जो टूट चुकी हैं मन की आस उस मन में आस जगा...Read More

अब हम आ गए शहर

May 28, 2017
बेटा मेरा एक साल का , है मगर बड़ा वह कमाल का, आज सुबह जब आँख खुली तो, उसको बैठा पाया । निहार रहा था खिड़की से , पर सूरज नजर न आया । म...Read More

ओ बूढ़े बरगद बाबा

May 25, 2017
मेरे प्रियतम की लम्बी आयु बढ़े इतनी कृपा करना ओ बूढ़े बरगद बाबा मेरी विनती जरा सुनना मेरे पति को अमर करना आज बरगद ही का दिन है आया ...Read More

मन की अनुभूति

May 24, 2017
बालकपन की सहज अनुभूति,                       प्रेम ममता है स्वीकारती।                           आहिस्ता चलकर आये तो भी,                 ...Read More

फँस गये गुरुजी

May 21, 2017
गुरूजी केले की दुकान पर केले का भाव पूछने लगे । सोमवार फल वितरण का दिन था। ₹60 प्रतिदर्जन सुनकर गुरूजी हिसाब लगाने लगे। 12×5=60,यानि प्रति...Read More

माँ मेरी

May 18, 2017
(एक माँ जिसको समाज की रूढ़िवादी विचारधारा के कारण अपनी अजन्मी बेटी को दफ़नाना पड़ता है , जो कि अभी हॉस्पिटल में ही है , उसकी आँख लग जाती है ...Read More

सौर परिवार

May 17, 2017
सूरज है  सबका  मुखिया,   आठ संतानों वाला।       सब  इसकी परिक्रमा हैं करते,      ये  है बड़ा  मतवाला।                         बुध...Read More

प्यारी माँ

May 14, 2017
  कितना प्यारा शब्द है माँ अपने बच्चे के लिए परमात्मा अहसास करो रुह तक अहसास करो मंदिर की घंटियो में शंख की नाद में मस्जिद के स्वर अ...Read More

माँ

May 14, 2017
                             सागर हो प्रेम का माँ ,                         तुलना नही  तुम्हारी ।                         ममता की मूर्त...Read More

मैं बीज हूँ

May 10, 2017
बीज हूँ मैं बीज हूँ,         फल से बनता बीज हूँ। किसी में एक किसी में ज्यादा,        मुझसे बनता नन्हा पौधा।। एक बीजीय आम है होता,  ...Read More

आज का कश्मीर

May 04, 2017
जल रही घाटी नज़ारे जल रहे हैं। सैनिकों पर आज पत्थर चल रहे हैं।। बाढ़ आंधी से बचाते नस्ल उनकी। और रक्षक ही उन्हें अब खल रहे हैं।। फूल की...Read More

गंगा की व्यथा

May 03, 2017
पतित  पावनी ये माँ गंगा , चलो जाने दुःखी क्यों है ? दुःखी चेहरे पे ये आँसू, अविरल बहते क्यों हैं ? भरे मन  से  कहा  माँ ने, न ही जा...Read More