होली प्रमुदित मन संचित करे,हरदम ही उल्लास। रंग सदैव उमंग का, जीवन में मधुमास।१। भाव भावना भेद को, नेक लगायें रंग। अमिट रहेगा उम्र भर, सहज ने...Read More
होली
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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March 27, 2021
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अपना बेगाना ग़म सहता रहता है, दिल दुनिया की बातें कहता रहता है| उम्मीदों के साये में कितने किस्से, हरदम मन बंजारा बुनता रहता है| सच्ची झूठी ...Read More
गजल
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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July 02, 2020
Rating: 5
इंसान के गुरूर का अंजाम ही तो है, हर ओर आज देखिए कोहराम ही तो है| मायूसियों के दौर में संयम नियम रहे, कुदरत ने दे दिया हमें पैगाम ही तो है| ...Read More
गज़ल
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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April 23, 2020
Rating: 5
कोरोना का कहर कोरोना के खौफ से, सहमा हुआ समाज | वैज्ञानिक हर देश के, खोजें अभी इलाज|| ज्वर,खाँसी, सिरदर्द भी,लगे कष्टमय साँस| अविलंब जाँच के...Read More
कोरोना का कहर
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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March 18, 2020
Rating: 5