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दिल फिर से बसाया है

December 16, 2015
बहुत वीरान था ये दिल इसे फिर से बसाया है तुम्हारी चाहतों से ही ये गुलशन जगमगाया है गुलों की बेरुखी से ख़ार ग़म में डूब जाते हैं यही वो प...Read More

पढाई का नाटक

November 20, 2015
             सरकारी प्राइमरी स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ पढ़ाई होने का नाटक रोज होता है और वर्षों से यह क्रम अनवरत जारी है शिक्षा विभाग इस नाट...Read More

तितली के रंग

November 14, 2015
बचपन की प्यारी  ताज़गी का ढंग अभी बाकी है लम्हों में उनके जिंदगी का संग  अभी बाकी है खो जाये न कहीं बचपन-सुकून-सपनों के बगीचे नन्ही हथे...Read More

रोशनी का त्योहार

November 12, 2015
रोशनी होती दिलों में हमेशा प्यार से मिटायें हर ग़म का अंधेरा संसार से बेबसी के आँसू नही हों किसी आँख में सीखते हम यही रोशनी के त्योहार ...Read More

टी सी का बवाल

October 25, 2015
बेंचेलाल को स्कूल की तरफ आते देख हेडमास्टर रामनारायण जी मेरी कक्षा की तरफ भागे और बोले कि बेंचे लाल फिर आ रहा है, उससे तुम्हीं निपटो। बेंच...Read More

हौसला पतवार है

October 22, 2015
वक्त के आगे कहाँ चलता किसी का वार है जो नही समझे समय पर तो गया वो हार है कौन कितना है सही कोई कहे कैसे भला हम सही हैं तुम गलत हो बस यह...Read More

M.D.M का सोशल आडिट

October 12, 2015
पिछले चार वर्षों से नियुक्त हेडमास्टर मैडम ने रोज की तरह  विद्यालय समय से खोला, बच्चे और चार महीने पहले ही पहली बार विद्यालय को प्राप्त त...Read More

नयी मैडम

October 06, 2015
  आज सुबह ही हेड साहब के पास बी आर सी से फोन आ गया था कि स्कूल में नयी नियुक्ति की एक मैडम ज्वाइन करने आ रही हैं हेड साहब प्रसन्न थे कि ...Read More

आन लाइन फार्म

September 27, 2015
लम्बी-लम्बी कतारों में मुरझा जाते चेहरे इंतजार करते-करते, आनलाइन दर्ज होनी थी बेरोजगारी की टीस, चालीस-छियालीस जगहों के लिए पाँच-छ...Read More

हिंदी की महत्ता और वर्तमान में उसकी दुर्दशा का उल्लेख करते कुछ दोहे

September 14, 2015
आज प्रतीकात्मक रूप से मनाये जाने वाले हिंदी दिवस के दिन हिंदी की महत्ता और वर्तमान में उसकी दुर्दशा का उल्लेख करते कुछ दोहे। हिंदी हिन...Read More

चेहरे

August 20, 2015
नकाबों में छुपे हैं चेहरे कितने झूठे थे ख्वाब जो, वो सुनहरे कितने निगाहें भी निगेहबां भी हमारे वो दिखाये अक्स जो, वो दोहरे कितने ---- ...Read More

कविता का उपहार लिखे

August 06, 2015
भाव शिल्प रस लय में डूबी, कविता का उपहार लिखें आओ प्रियवर! हम तुम मिलकर सपनों का संसार लिखें अक्षर अक्षर रस बिखरा हो, पंक्ति पंक्ति मदम...Read More

कृतज्ञ राष्ट्र की भावभीनी श्रृद्धांजलि, सलाम हमारा आदरणीय कलाम जी को,,,

July 28, 2015
गर्व उन्नत भाल के थे सम्मान, विजय-तिलक सरीखे राष्ट्र-नयनों ने उनके संग निज स्वप्न हैं सफल देखे शिक्षक थे हिंदुस्तानी, तो शिक्षक समान ही ...Read More

नौकरी मे दूध है....

July 14, 2015
लूट लो... यही तो समय है।हम लोग तो हर तरफ़ से परेशान हैं ,सरकारी मुलाजिम न हुआ सर्कस का जोकर हो गया... बल्कि उससे भी बदतर..... क्योंकि वह तो...Read More

उठो साथी

July 11, 2015
तुम्हारा आचरण हर कर्म का उपमान हो जाये तुम्हारा हर कदम माँ भारती की शान हो जाये उठो साथी कलम लेकर करो कुछ सर्जना ऐसी तुम्हारा लेख इस यु...Read More

थाह

June 22, 2015
कौन है अपना कौन पराया थाह मिलेगी कहाँ जो सरल है उसे सहजता से राह मिलेगी कहाँ जब तक न पहचानेंगे नयन रंग इस संसार के सपन को साकार करने की...Read More

अंतर्ध्वनि

June 15, 2015
हृदय में गूंजित अनहद नाद बढ़ाता है प्रतिपल आह्लाद मनुज रे! अंतर्ध्वनि पहचान मिटा ले मन के सकल विषाद © पुष्पेन्द्र यादव Read More