बचपन की प्यारी ताज़गी का ढंग अभी बाकी है
लम्हों में उनके जिंदगी का संग अभी बाकी है
खो जाये न कहीं बचपन-सुकून-सपनों के बगीचे
नन्ही हथेली में तितली का रंग अभी बाकी है
---- निरुपमा मिश्रा "नीरू"
तितली के रंग
Reviewed by Nirupama Mishra
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नवंबर 14, 2015
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