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दादा-दादी व नाना-नानी दिवस की प्रासंगिकता

सितंबर 30, 2016
         जब समाज से संस्कार, सज्जनता, सरलता, सहृदयता, एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव जैसे मानवीय मूल्यों का ह्रास होने लगता है तब हमें इन...Read More

पुरस्कार के लिए याचना नहीं- एक संस्मरण

सितंबर 05, 2016
               गुरु जी ने प्रोन्नति होने पर नए विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। आते ही देखा स्कूल में अव्यवस्थाओं की भरमार थी। गुरु जी ठह...Read More

"मेरी माँ"

सितंबर 04, 2016
सब कुछ है आस पास, बस एक तू नही है माँ। अब न रही कोई मिठास, जो एक तू नही है माँ।। रोता बहुत हूँ पर, दिखाता नहीं हूँ माँ। हंसाता बहुत हू...Read More