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अर्पण

मार्च 25, 2017
सुप्त बीज से अंकुर फूटा, पोषित हो, प्रखरित हुआ, यौवन छलका, मदमस्त हुआ, पहले हरित फिर लाल हुआ,  संपूर्णता मिली  जब किया, समाहित  स्वयं ...Read More

प्रहरी

मार्च 23, 2017
मिला है तुमको ये जीवन! सार्थक इसको क़र डालो अपनी  शिक्षा की सेवा से जीवन नन्हें फूलों का विकसित प्रतिपल कर डालो आओ ! आकर कदम बढ़ाये कु...Read More

हम शिक्षक हैं

मार्च 20, 2017
इन नन्हे-मुन्नों की हम तक़दीर बदल देंगे... हम शिक्षक हैं बेसिक की तस्वीर बदल देंगे... नवाचार अपनाकर हम पढ़ाएंगे.... खेल खेल में बच्चों को...Read More

होली का सन्देश

मार्च 17, 2017
होली के परिदृश्य में झूमे सारा देश, रंगों का त्यौहार है देता यह सन्देश। भिन्न भिन्न भाषाएँ है भिन्न भिन्न है वेश। सबका अपना अपना, अलग अ...Read More

चुनाव ये

मार्च 11, 2017
मुफ़लिसों के चूल्हे भी जला रहा चुनाव ये। बस्तियों में आग भी लगा रहा चुनाव ये।। तिश्नगी में तख़्त के बदल रहे समीकरण। दो ध्रुवों को देख लो ...Read More

अहिरौली

मार्च 09, 2017
जैसा होना चाहिये वैसा न होकर वह हो जाये जो नहीं होना चाहिए तो वहाँ आश्चर्य का जन्म होता है। और यदि वह हो जाये जो कुत्सित हो तो घृणा जुड़वाँ ...Read More

नारी वन्दन

मार्च 08, 2017
चीखती, चीत्कारती, अपने दुखों से हारती, दानवों को पछाड़ती, ख़ुद को ख़ुद ही संभालती, करुणा में सिसकारती, वीरांगना बनकर दहाड़ती, फिर भी सबक...Read More

प्रकृति

मार्च 08, 2017
    हे ! मनोरम प्रकृति , तुम्हे प्रणाम    आँचल में तेरे कितना कुछ    दिया है जन - जन को सब कुछ.. हरियाली से भरा हुआ है धरती का कोना - क...Read More

सृजन

मार्च 05, 2017
मृत्यु की गोद में सृजन पलता है, ये सुनकर बड़ा ही विस्मय होता है। हकीकत में ये ही सच होता है, किसी का जाना किसी का आना होता है।। जा रही पीढ़ी...Read More

चिप्पीखड़ी

मार्च 04, 2017
दिसम्बर की समाप्ति एवं जनवरी के आगमन का समय  | जाड़ा पाँव पसारते हुए चरमता पर पहुँच चुका था| गज़ब...की कशमकश दिख रही थी बादलों के छोटे-बड़...Read More

बढ़ता चल

मार्च 02, 2017
बढ़ता चल बढ़ता चल ये ज़िन्दगी एक जंग है तू इससे लड़ता चल ठहरा हुआ पानी किसी काम नहीं आये रुकने वाला कभी मंज़िल नहीं पाए तू बहती नदिया ब...Read More