पाठशाला बंद कैसी विपदा,कैसी मनसा खुशियां सारी झुलस रही है। विद्यालय के सारे फूल मूर्छित होने को बेबस है। यह कैसे काँटे उगे राहों में,हर ओर क...Read More
पाठशाला बंद
Reviewed by ★★
on
जून 22, 2025
Rating: 5
योग योग शरीर का शासन है, अनुशासन से यह रोग भगावे। चित्त के रोज निरोध करे, अरु इन्द्रिय संयम पाठ पढ़ावे।।१।। सिंधु के काल से भारत भाल को, विश्...Read More
नमन हम सभी रचनाकार जब भी कहीं कोई भी घटना होती है तो अपने आंखों के मन से एक कल्पना करते हुए उस घटना को कविता का रूप या कहानी का रूप दे देते ...Read More
ग्रीष्म ऋतु धरती का जो ताप बढ़ रहा, सोचो किसका पाप बढ़ रहा। कौन वृक्ष वन काट रहा है। मृत्यु निमंत्रण बाँट रहा है।।१।। धरती अब अंगार बनी है, मा...Read More
ग्रीष्म ऋतु
Reviewed by ★★
on
जून 16, 2025
Rating: 5
तपती दोपहरी तपती दोपहरी में भइया, गर्मी से है हाल बुरा। तपता सूरज ,चढ़ता पारा, व्याकुल है यह तन-मन सारा।। पंखे नें है हार मान ली, फेल हो गए...Read More
तपती दोपहरी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
जून 15, 2025
Rating: 5
रक्तदान का संकल्प ह्रदय से धमनियों द्वारा,जीवित शरीर में निरंतर होता शुद्ध रक्त प्रवाह। ईश्वर कृपा से मनुष्य जीवन मिला,सार्थक कर रक्तदान से ...Read More
रक्तदान का संकल्प
Reviewed by ★★
on
जून 11, 2025
Rating: 5
मैं धरती हूँ अब कहती हूँ, मैं मौन हुए सब सहती हूँ। पाला पोषा और बडा किया, हमने ही तुमको खड़ा किया। तुम इतना क्यों इतराते हो, थोड़ा भी समझ न पा...Read More
मैं धरती हूँ
Reviewed by ★★
on
जून 03, 2025
Rating: 5
जन्मभूमि भी हुई पराई ,कैसी रीत जगत ने बनाई । मन ही मन में बेटी सोचे ,पीहर से कोई बोले न जाओ ..... बाबुल मैया के मन बदले ,पोते पोती ज्यादा भ...Read More
जन्मभूमि भी हुई पराई
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मई 26, 2025
Rating: 5
नेपोलियन ------------- हाँ, हाँ, वही — वही नेपोलियन, गली के कोने पर कूड़े के ढेर से बने पिरामिड को अपना साम्राज्य समझने वाला, और खुद को उसका...Read More
अंक ज़रूरी हैं, पर जीवन सिर्फ अंकों से नहीं चलता। इसलिए अब वक्त है कि हम इस अंधी दौड़ से बाहर निकलें और बच्चों को उनके नंबरों से नहीं, नजरि...Read More
अंकों की दीवार
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मई 15, 2025
Rating: 5
वक़्त चाहिए सपनों को आकार देने में हर महान निर्माण की शुरुआत एक छोटे, अनदेखे प्रयास से होती है। जो हाथ से फिसला, वही सबक बनकर वापसी की राह द...Read More
वक़्त चाहिए सपनों को आकार देने में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मई 06, 2025
Rating: 5
कभी सरकारी बसों की शोभा और लोकतंत्र की प्रतीक रही “विधायक/सांसद हेतु आरक्षित सीट” अब बस के कोने में चुपचाप धूल फांक रही है। बदलते राजनीतिक च...Read More
मैं वही सीट हूं
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मई 05, 2025
Rating: 5
यह ग़ज़ल उस मध्यमवर्गीय मानसिकता का आईना है, जो दो छोरों के बीच झूलती रहती है — एक ओर अहंकार, दूसरी ओर दीनता। समाज में जीने की मजबूरी उसे बा...Read More
हर रोज़ दो चेहरों में ढलता है आदमी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मई 04, 2025
Rating: 5
पहलगाम के हादसें पहलगाम के हादसों से विचलित है मन। परेशान हैरान हूं मैं आज लिखूं तो क्या लिखूं।। अमरनाथ, पुलवामा, कारगिल, पहलगाम की दास्तान ...Read More
पहलगाम के हादसें
Reviewed by ★★
on
अप्रैल 25, 2025
Rating: 5
पूर्वाग्रह पूर्वाग्रह से ग्रस्त , साहब आए ,धड़धड़ाते ..... गाड़ी रुकी, सुगबुगाहट हुई ,अधिकारी आए .... परिचय नहीं बताए , नाराज कि,पहचाने नही...Read More
पूर्वाग्रह
Reviewed by ★★
on
अप्रैल 17, 2025
Rating: 5
जब शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित हो जाए, तो वह विचार नहीं देती—सिर्फ सूचनाएँ देती है। मगर जब शिक्षक स्वयं प्रेरणा बन जाएँ, तब कक्षा बन जाती ...Read More
"शिक्षा बने हनुमानी मशाल"
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
अप्रैल 12, 2025
Rating: 5
ईद का अनमोल तोहफा ईद की सुबह थी। घर में खुशियों का माहौल था। हर कोई नए कपड़े पहनकर तैयार था, लेकिन अमीर नाम का एक लड़का अपने कमरे में बैठा ...Read More
ईद का अनमोल तोहफा
Reviewed by ★★
on
मार्च 30, 2025
Rating: 5
वसंत दूर ठिठुरन हो गयी है, शीत का अब अंत है। झूम कर खुशियाँ मना, अब आ गया वसंत है।।१।। शस्य वसुधा की छवि, रवि की तपन भी मन्द है। पुष्प कलियो...Read More
इंकलाब! — यह शब्द सुनते ही जोश से भरी मुट्ठियाँ हवा में उठ जाती हैं, नारों की गूँज चारों ओर फैल जाती है। लेकिन सवाल यह है कि यह इंकलाब आएगा ...Read More
इंकलाब की तलाश
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मार्च 23, 2025
Rating: 5
कविता मन के कोमल भावों की सुंदर अभिव्यक्ति है कविता सतरंगी रंगो से भावों को सजा देती है कविता।। मन में फैली सारी तपन को शीतलता से मिटा देती...Read More
‘शिक्षा? वो क्या होती है!’ गुरुवार की सुबह थी। महाशक्ति देश के सर्वोच्च नेता ट्रम्पसिंह अपने गोल्फ क्लब में आराम से बैठे थे। अचानक उन्होंने...Read More
‘शिक्षा? वो क्या होती है!’
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
मार्च 21, 2025
Rating: 5