आओ ...... हम स्कूल चलें
नवीन शिक्षा सत्र नई चुनौतियाँ लेकर आता है। सबसे बड़ी चुनौती है, विद्यालय में नवीन नामांकन और बच्चों के ठहराव की। इसी लिए सत्र का आरम्भ स्कूल चलो अभियान से किया जाता है। इसी चुनौती के सन्दर्भ में और स्कूल चलो अभियान के आलोक में यह कविता सादर प्रस्तुत है।
आओ , हम स्कूल चलें
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नया सत्र है , बड़ी चुनौती ,
आओ हम स्वीकार करें ।
किसको क्या समझाना है ,
इस पर आज विचार करें ।
जो बैठा है सबसे पीछे ,
उसे उठा आगे ले आएं ।
गतिविधियाँ कुछ ऐसी कर दें ,
पुनः जोश से उसको भर दें ।
उसके मन में भी ,
आशा का दीप जलाएं ,आओ
स्कूल चलो अभियान चलाएं ।
परिवर्तन की हवा बह रही ,
सबको यह संदेश कह रही ।
हम नन्हे - मुन्ने बच्चे हैं ,
पढ़ने की जिद पर अड़ जाएं ।
शिक्षण में नवाचार मिले ,
तो खेल - खेल में पढ़ जाएं ।
हम सब का प्रयास यही है ,
एके साधै , सब सध जाएं ।
पढ़ें - लिखें तो सब तर जाएं ,
आओ ,
स्कूल चलो अभियान चलाएं ।
आओ हम स्कूल चलें ,
स्कूल हमारा घर है ,
हमको किसका डर है ।
खाना - पीना ,पढ़ना -लिखना ,
यहाँ सब बातों का हल है ।
ज्ञान - वाटिका सजी हुई है ,
यहाँ रंग - बिरंगे फूलों से ।
फिर क्यों जीवन बर्बाद करें ,
हम अपनी भारी भूलों से ।
क्यों शिक्षा से दूर रहें ,
पढ़ने से मजबूर रहें ।
अब ठान लिया है मन में ,
आओ हम स्कूल चलें ।
✍ रचनाकार :
प्रदीप तेवतिया
हिन्दी सहसमन्वयक
वि0ख0 - सिम्भावली,
जनपद - हापुड़
सम्पर्क : 8859850623
Bhut badiya sir jee
जवाब देंहटाएंVery nice poem sir
जवाब देंहटाएंVery nice poem sir ji
जवाब देंहटाएंVery nice poem sir ji
जवाब देंहटाएंBhaut sundar rachna sir
जवाब देंहटाएंBahot hi प्रेरणा दायक कविता
जवाब देंहटाएंA huge salute for you
प्रेरणादायक।सभी शिक्षक समाज आपका आभारी।
जवाब देंहटाएंAti sundar
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