ग़ज़ल प्राइमरी का मास्टर 2 March 19, 2018ग़ज़ल ------- मेरी अना का ज़रा भी जिसे ख़्याल नहीं मुझे भी हाल पे उसके तनिक मलाल नहीं वो अपने यार से करता है बात घण्टों तक पर अपनी माँ ...Read More
सब मौन क्यों हैं? प्राइमरी का मास्टर 2 March 15, 2018मुद्दा ये नही हम कौन हैं, मुद्दा ये है सब क्यू मौन हैं, नारी दिवस क्यू हो, हमारा उपहास न हो, रोटियों के जलने पर, दूध के फटने पर, मिलने...Read More
खुद दीपक सा जल जा Pranjal SaxenaOctober 21, 2017 चारों ओर छाया अंधेरा है , इतने दीये कहाँ से लाऊँ ၊ दूर करूँ अज्ञान के तम को , खुद दीपक सा जल जाऊँ ၊ एक भावना मन भीतर हो , नव प्रकाश ...Read More
ख़्वाब तुम रखो Pranjal SaxenaAugust 18, 2017 आसमाँ छूने का,भले ख़्वाब तुम रखो, मगर ज़मीं से भी नाता,लाजवाब तुम रखो। तुम्हारी कोशिशें भी,एक दिन रंग लायेंगी, बस अपने दिल में हौंसले...Read More
कविता का उपहार लिखे UnknownAugust 06, 2015 भाव शिल्प रस लय में डूबी, कविता का उपहार लिखें आओ प्रियवर! हम तुम मिलकर सपनों का संसार लिखें अक्षर अक्षर रस बिखरा हो, पंक्ति पंक्ति मदम...Read More