योग योग शरीर का शासन है, अनुशासन से यह रोग भगावे। चित्त के रोज निरोध करे, अरु इन्द्रिय संयम पाठ पढ़ावे।।१।। सिंधु के काल से भारत भाल को, विश्...Read More
नमन हम सभी रचनाकार जब भी कहीं कोई भी घटना होती है तो अपने आंखों के मन से एक कल्पना करते हुए उस घटना को कविता का रूप या कहानी का रूप दे देते ...Read More
ग्रीष्म ऋतु धरती का जो ताप बढ़ रहा, सोचो किसका पाप बढ़ रहा। कौन वृक्ष वन काट रहा है। मृत्यु निमंत्रण बाँट रहा है।।१।। धरती अब अंगार बनी है, मा...Read More
ग्रीष्म ऋतु
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जून 16, 2025
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तपती दोपहरी तपती दोपहरी में भइया, गर्मी से है हाल बुरा। तपता सूरज ,चढ़ता पारा, व्याकुल है यह तन-मन सारा।। पंखे नें है हार मान ली, फेल हो गए...Read More
तपती दोपहरी
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जून 15, 2025
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रक्तदान का संकल्प ह्रदय से धमनियों द्वारा,जीवित शरीर में निरंतर होता शुद्ध रक्त प्रवाह। ईश्वर कृपा से मनुष्य जीवन मिला,सार्थक कर रक्तदान से ...Read More
रक्तदान का संकल्प
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जून 11, 2025
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मैं धरती हूँ अब कहती हूँ, मैं मौन हुए सब सहती हूँ। पाला पोषा और बडा किया, हमने ही तुमको खड़ा किया। तुम इतना क्यों इतराते हो, थोड़ा भी समझ न पा...Read More
मैं धरती हूँ
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जून 03, 2025
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