वेदना राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)December 08, 2019 वेदना तुम पास आकर इस हृदय का बल बनो अश्रु अंतस में हैं ठहरे दे रहे हैं घाव गहरे जिन्दगी के हर कदम पर ज्यों लगे दिन रात पहरे ...Read More
अक्षर गीतों के बन जाओ तुम Pranjal SaxenaNovember 05, 2017 बनके सुर संगीत, अधर पर आओ तुम ! अक्षर अक्षर गीतों के बन जाओ तुम ! सारे गम सारी खुशियाँ दिखला दिखलाकर, हँसे वेदना मौन संग इठला इठलाकर...Read More
बैठ भाग्य को जी भर कोसा Pranjal SaxenaAugust 30, 2017 बैठ भाग्य को जी भर कोसा ! मेहनत पर अब नहीं भरोसा !! दरवाजे दीवाली होली खाली जेबें खाली झोली देख देख मेरी लाचारी हँसे गरीबी बस बेचारी...Read More