उनको प्रणाम
कविता उन शिक्षकों के नाम जो वर्षा -शीत की परवाह न करते हुए, सुदूर गाँवों की पगड़ंड़ियों पर चलकर गाँव की उन भोली सूरतों तक पहुंचते हैं, जिन्हें भारत का भविष्य कहा जाता है ।उनकी इस साधना को नमन करते हुए ये भाव पुष्प उनको अर्पित करता हूँ। ~ लेखक
उनको प्रणाम
जिनका मन रंजन होता है
देख ज्ञान की दीपशिखा ,
जो गढ़ते हैं शिल्प नये ,
चित्रित करते हैं भाव दशा ,
उनको प्रणाम |
दिन-रात यत्न करते हैं ,
जिनके प्रयासों का नहीं छोर पता ,
जो वीणा-वादिनी को पहनााते ,
बेसिक का सुन्दर हार बना ,
उनको प्रणाम |
वंचित भारत का जो चेहरा कल तक ,
दैन्य अभावों से था पटा- पटा ,
जिनके सत्कर्मों से उस पर आज दीखती ,
इन्द्रधनुष सी मनोहारी छटा ,
उनको प्रणाम |
बेसिक की मरुभूमि में ,
जिनके ज्ञान यज्ञ संकल्पों से ,
फूटे सौ- सौ नवांकुर ,
बरसती नवाचार की घोर-घटा ,
उनको प्रणाम |
जो धूसर चेहरों का ,
नित करते हैं श्रंगार नवीन ,
नैराश्य जिनको छू न सका ,
जो सभी कलाओं में प्रवीण,
उनको प्रणाम |
जिनके सद्भावों का ,
कभी न होता लोप ,
हँस-हँंस कर सह लेते हैं ,
जो ऋतुओं का प्रकोप ,
उनको प्रणाम |
स्वाति की बूंदों से
जिसने भर दिये सीप ,
अशिक्षा की निविड़ रात्रि में ,
जो प्रज्ज्वलित करते ज्ञान दीप ,
उनको प्रणाम |
✍ रचनाकार -
प्रदीप तेवतिया
हिन्दी सहसमन्वयक ,
विकास खण्ड - सिम्भावली ,
जनपद -हापुड़ , उ०प्र०
सम्पर्क : 8859850623
Bhut Achha Pradeep Bhai
ReplyDeleteआपने कविता के माध्यम से शिक्षकों का मनोबल,मान-सम्मान बढ़ाया है। इसलिए साहित्य के बारे में कहा गया है कि “हितं सहितं साहित्यं।” साहित्य को समाज का दर्पण भी कहा गया है। युवा हिंदी साहित्यकार श्री प्रदीप तेवतिया जी को सादर नमन🙏🙏💐💐
ReplyDeleteआपने कविता के माध्यम से शिक्षकों का मनोबल,मान-सम्मान बढ़ाया है। इसलिए साहित्य के बारे में कहा गया है कि “हितं सहितं साहित्यं।” साहित्य को समाज का दर्पण भी कहा गया है। युवा हिंदी साहित्यकार श्री प्रदीप तेवतिया जी को सादर नमन🙏🙏💐💐
ReplyDeleteBahut hi achchhi Kavita hai.
ReplyDeleteSundar Kavita, sir
ReplyDeletePranaam Prdeep Ji , Wastav Mein Bahut Sundar Shabd
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteBahut badiya sir ji.
ReplyDeleteUmda, zabardast
ReplyDeleteYakeenan aapko bhi huge salute
सर जी,आपकी कविता बहुत ही बढ़िया है।
ReplyDeleteसर जी,आपकी कविता बहुत ही बढ़िया है।
ReplyDeleteएक प्रदीप ने
ReplyDeleteये मेरे वतन के लोगों.....
लिखा
आज के प्रदीप ने
शिक्षकों की दशा लिखी
आप शिक्षकों में अमूल्य रत्न हैं
बेसिक के अमूल्य आभूषण हैं
Bhut sunder kavita. Bhaiya jb se mene aapko dekha or suna hai tb se lgbhg 27 saal ho gye hai aapki kavitao ko bhula nahi hu. Hmesha aapka samman hai.
ReplyDeleteप्रदीप सर जी आप ने विद्यालय में बच्चों एवं शिक्षकों के कर्तवय बोध से अभिभूत करने बहुत सुन्दर कविता प्रेषित की आप सम्मान के पात्र हैं ।
ReplyDeleteआज के समय के युवा हिन्दी कवि प्रदीप तेवतिया जी को सादर प्रणाम
ReplyDeleteनया सत्र कविता के माध्यम से आपने शिक्षकों को प्रोत्साहित कर बहुत सुन्दर कार्य किया आप धन्यवाद के पात्र हैं ।