हाल-ए-इंग्लिश मीडियम स्कूल
इंग्लिश मीडियम बन गये,
हैं सरकारी स्कूल,
शिक्षक कन्नी काट रहे,
अवसर है प्रतिकूल।
मातृभाषा है कैद हुई,
अंग्रेजी के जाल में,
हिंदी अब तो लुटी-पिटी
इंटरनेट के काल में।
दीन-हीन खेतिहर का बेटा,
अंग्रेजी पढ़ने जायेगा,
अंग्रेजी में बात करेगा,
ना निर्धन कहलायेगा।
गोली-कंचे, गुल्ली-डंडा,
चूल्हा-चक्की, गोबर-कंडा,
भूल-बिसर सब जायेगा,
गैस,कुकर,और ए0सी0,कूलर
हीटर, मिक्सी,वैक्युमक्लीनर
यही पढ़ाया जायेगा।
लुटिया, खटिया, सिलबटिया,
हिंदी है निर्धन की बिटिया,
सत्तू, घुघरी, चना-चबैना,
अंग्रेजी ना इनकी बहना।
बौर महकती अमराई,
सौंधी खुशबू मनभाई,
अंग्रेजी की हवा चली जो
भूले बच्चे पुरवाई।
हिंदी-अंग्रेजी की खिचड़ी,
सरपीट पकाई जायेगी,
आग जले ना ईंधन पावें,
अंग्रेज़ी गाल बजायेगी।
✍ लेखिका
कविता तिवारी,
सह-समन्वयक
बी0आर0सी0, मलवां
जनपद फतेहपुर।
मार्मिक कटाक्ष
जवाब देंहटाएंसटीक
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