अबकी होली में
तन- मन मे छायी होली
रस रंग भरी आयी होली
खुशियां बोंये मुस्कान मिले
सबको आदर सम्मान मिले
मन गीत प्यार का गाये
मौसम बहार का छाये
गुझियों सा मिठास हो , सबकी बोली में ।
खुशियां ही खुशियां हो, अबकी होली में।।
गीले शिकवे सब दूर करें
सब प्रेम भरें मजबूर करें
जीवन मे उल्लास आये
कर्तव्यों का एहसास आये
मिल कर प्रेम से रहना है
रिश्तों को भी रँगना है
बीते जीवन सबका , बस हँसी ठिठोली में ।
खुशियां ही खुशियां हो , अबकी होली में ।।
मृदुभावों की अभिव्यक्ति हो
निज हाथों में भी शक्ति हो
संस्कार जगे , उजियार लगे
कर"अरुण" प्रकाश ,अंधियार भगे
जीवन मे चमक बिखेरो तुम
कुछ ऐसे सतरंग उकेरो तुम
भेद भाव जला देना , अबकी होली में ।
खुशियां ही खुशियां हो , अबकी होली में ।।
हम एक हैं ऐसा भाव लिए
भाईचारा का स्वभाव लिए
ताकत दुश्मन को दिखानी है
सैनिक हर हिंदुस्तानी है
हम जोश उमंग के साथ बढ़े
हर दिल पे तिरंगा छाप चढ़े
जय हिंद का नारा हो, कण -कण रंग- रोली में ।
खुशियां ही खुशियां हो , अबकी होली में ।।
✍ रचनाकार :
अरुण कुमार यादव
पू 0 मा0 वि0 बरसठी
जनपद : जौनपुर
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