सब मौन क्यों हैं?
मुद्दा ये नही हम कौन हैं,
मुद्दा ये है सब क्यू मौन हैं,
नारी दिवस क्यू हो,
हमारा उपहास न हो,
रोटियों के जलने पर,
दूध के फटने पर,
मिलने वाले सम्मान पर सब क्यू मौन हैं..
मुद्दा ये नही...।
साथ सोना मंजूर है,
तो साथ उठना क्यू नही,
हमे बराबरी दो ये बात नही,
पर हमारे मुद्दे पर सब मौन हैं।
मुद्दा ये नही...।
बेटा जगे स्कूल जाये हमे खुशी है ये करने का,
पर उसूल ये सही नही आपके चुप रहने का,
आफिस हम भी जाते हैं तनमन पर चोट खाते हैं,
हमारे चोट पर सब क्यू मौन हैं।
मुद्दा ये नही...।
✍ लेखक
प्रभात त्रिपाठी 'गोरखपुरी'
(स0 अ0)
पू मा विद्यालय लगुनही गगहा,
गोरखपुर
📱 9795524218
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