शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा की रात है आई ,
चहुँओर शीतल चाँदनीं छाई ।
सोलह कलाओं से पूरित चाँद ,
उसपर है चाँदनी का साथ।
अद्भुत अनुपम प्रेम से पूरित,
रास पूर्णिमा की यह रात।
अलौकिक प्रीत राधा-कृष्ण की,
प्रतिबिंबित है इसमें आज।
अमृत वर्षा करता चाँद ,
अमृतमय यह सकल समाज।
शीतल मंद पवन के झोंके,
फैला उजियारा है सब ओर ।
मंत्रमुग्ध सी देख रही मैं,
कितना प्यारा सुंदर चाँद।
तन है पुलकित मन है हर्षित
भक्ति -प्रेम की ज्योति प्रज्वलित।
✍️
शालिनी श्रीवास्तव "सनशाइन"
(सहायक अध्यापिका)
पी.एम.श्री कम्पोजिट विद्यालय गुलहरिया प्रथम,
विकासखंड-भटहट
गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश ।
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