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दिवाली पर्व है ऐसा आया

दिवाली पर्व है ऐसा आया 

दिवाली पर्व, है ऐसा आया, ईर्ष्या द्वेष, सभी ने भुलाया। 

सभी लग गये, तैयारी में, खुशियों की, भरमारी में ।
बुराई छोड़, अच्छाई पर चलो, यही सीख देता यह पर्व । 

बांटो मिठाई, और गले मिलो, दिवाली पर है, हम सबको गर्व ।
तरह-तरह के, दीप जलाओ तरह-तरह की. रंगोली बनाओ ।

तरह-तरह के, पटाखे छुड़ाओ, मन से मन का, बैर भुलाओ ।
राम सीता इस दिन, अयोध्या आये, घर- घर सबने, दीप जलाये ।

लक्ष्मी पूजन कर गीत गाये, सबने मिलकर, ढोल बजाये ।
ऐसा ये त्योहार है दिवाली, सबके को हरने वाली । 

✍️
श्रीमती अर्चना कटियार 
बाराबंकी

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