शिक्षक
शिक्षक (प्रेरणा गीत)
शिक्षक हैं हम काम यही हो,
शिक्षण में विश्राम नहीं हो,
पढ़ने में जो दक्ष नहीं हैं,
दक्ष बनें सब लक्ष्य यही हो,
लक्ष्य यही हो सब पढ़ जाएँ,
पढ़ने में आगे बढ़ जाएँ,
शिक्षा के प्रतिमान बनें हम,
भारत की पहचान बनें हम,
शिक्षा पथ पर चलते जाना,
हम सब का संदेश यही हो।
शिक्षा हेतु समर्पण सब कुछ,
जीवन का उद्देश्य यही हो।।१।।
पढ़ने से वंचित जो बच्चे,
उनको कर दें सबसे अच्छे,
विद्या-पथ चलना सिखला दें,
उनको हम पढ़़ना बतला दें,
जो हैं एक अबूझ पहेली,
नहीं है कोई सखा सहेली,
उन बच्चों के क्रंदन सुनें,
उनके जीवन का पथ चुनें,
जीवन पथ सरपट कट जाए,
हम सब का संदेश यही हो।
शिक्षा हेतु समर्पण सब कुछ,
जीवन का उद्देश्य यही हो।।२।।
जीवन में एक आशा दे दें,
जीने की परिभाषा दे दें,
हर बच्चे में आस जगा दें,
शिक्षा की एक प्यास जगा दें,
शिक्षा युग का परिवर्तन है,
शिक्षा बिन जीवन निर्धन है,
शिक्षा पाकर खिल जाएगा,
जीवन में सब मिल जाएगा,
धन्य करें हम जीवन उनका,
जीवन का संदेश यही हो।
शिक्षा हेतु समर्पण सब कुछ,
जीवन का उद्देश्य यही हो।।३।।
हैं अनपढ़ बच्चे जिनके घर,
शिक्षा का अंधियारा हो,
शिक्षा दीप बने हम उनके,
उनके हम ही सहारा हों,
अर्जुन जैसा शिष्य धनुर्धर,
भारत में फिर कर जाना,
जो कौरव अज्ञान सरीखा,
उस कौरव से लड़ जाना,
लड़ जाना निज अंहकार से,
जीवन का संदेश यही हो।
शिक्षा हेतु समर्पण सब कुछ,
जीवन का उद्देश्य यही हो।।४।।
चंद्रगुप्त आजाद बनाएँ,
सुंदर सभ्य समाज बनाएँ,
भारत में कुछ कर जाने को,
दानवता से लड़ जाने को,
उनमे गुण की खान भरें हम,
देश के प्रति अभिमान भरें हम,
देश में ऐसा काम करें ये,
देश का ऊँचा नाम करें ये,
देश करें सबसे आगे अब,
जन-जन का उद्देश्य यही हो।
शिक्षा हेतु समर्पण सब कुछ,
जीवन का उद्देश्य यही हो।।५।।
✍️
रमेश तिवारी
प्रभारी प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय हरमन्दिर खुर्द
क्षेत्र-फरेन्दा
जनपद-महराजगंज
जङ्गम दूरवाणी संख्या-९८३९२५३८३३
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