बेसिक शिक्षक और छात्र
बेसिक शिक्षक और छात्र
हम बेसिक के शिक्षक, बच्चे,बेसिक स्कूल हमारा है।
हम सब इसके रखवाले हैं,ये हमको बहुत प्यारा है।।
रोज सुबह होकर तैयार हम पढ़ने लिखने आते हैं।
ना कोई बस,ना कोई गाड़ी,हम पैदल ही चले आते हैं।।
शिक्षक मेरे बहुत प्यार से पढ़ते और पढ़ाते हैं।
सोमवार को फल देते और बुद्ध को दूध पिलाते हैं।।
रोज दोपहर में बदल बदल कर एम डी एम खिलवाते हैं।।
आयरन गोली खून बढ़ाए रोग से रक्षा होती है।
एलबेंडाजोल की गोली कृमि को खत्म कर देती है।।
रैली में हम बड़े उत्साह से गांव में घूम के आते हैं।
अपनों को जागरूक करते,रोग से उन्हें बचाते हैं।।
लिखना पढ़ना बहुत जरूरी,मन में उनके बिठाते हैं।
बालक के संग बालिका भी पढ़ें,अच्छी बात बताते हैं।।
मिले डीबीटी से रुपया तब मम्मी ड्रेस खरीदेंगी।
जूता स्वेटर सब मिलेगा,कॉपी भी वे ले देंगी।।
फ्री में मिलती पुस्तक सारी,मेरे बैग में होती जी।
ना चिंता है भोजन की ना पुस्तक के लिए रोती जी।।
शिक्षक मेरे बहुत अनुभवी, ज्ञान की सीख बताते हैं।
हम भी उनके संग सीखते और बड़े हो जाते हैं।।
मां के नाम हम वृक्ष लगाएं,पेड़ न काटने देंगे हम।
पर्यावरण की जानकारी हमे है,उसे समाज में देंगे हम।।
मेरा और मेरे शिक्षक का बहुत आत्मीय नाता है।
हम बेसिक के बच्चे हैं और बेसिक हमको भाता है।।
मेरी एक कमजोरी है घर का काम भी करते हैं।
खेती में भी हाथ बटाए फिर भी मस्ती में रहते हैं।।
सरकार हमें पढ़ने लिखने का अवसर उपलब्ध कराती है।
शिक्षित हो हम नेक बने,सामाजिक राह दिखाती है।।
पढ़ लिख कर हम आगे बढ़ेंगे,देश प्रेम बढ़ जाएगा।
सैनिक और सिपाही बनेंगे, बड़ा मजा फिर आएगा।।
मेरा और मेरे शिक्षक का बहुत आत्मीय नाता है।
हम बेसिक के बच्चे हैं और बेसिक हमको भाता है।।
✍️
विनोद कुमार वर्मा(स.अ.)
पू.मा.वि. बरसैनी,पिपराइच
गोरखपुर
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