"मेरी माँ"
सब कुछ है आस पास,
बस एक तू नही है माँ।
अब न रही कोई मिठास,
जो एक तू नही है माँ।।
रोता बहुत हूँ पर,
दिखाता नहीं हूँ माँ।
हंसाता बहुत हूँ पर,
हँसता नहीं हूँ माँ।
रहते हैं सब आस पास,
फिर भी हूँ में उदास,
न रही कोई आस,
अब में हूँ बदहवास।।
सब कुछ है आस पास,
बस एक तू नही है माँ।
अब न रही कोई मिठास,
जो एक तू नही है माँ।।
ममता की न अब,
कोई आस है ओ! माँ...
मन मेरा ये,
यूँ ही हताश है ओ!माँ...
तेरे आँचल की छाँव,
न अब आस पास है ओ! माँ...
सब कुछ है आस पास,
बस एक तू नहीं है माँ...
लेखक परिचय-
अमित कुमार सिंह,
प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय वीरपुर बरियार,
विकास क्षेत्र-मूढ़ापाण्डे,
जिला मुरादाबाद,
उत्तर प्रदेश।
मोबाइल- 9412523624
email- amit_8484@yahoo.co.in
Nice
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