आया सावन
आया सावन
आया सावन महादेव का सावन
मन को मन भाया सावन
चारो ओर हरियाली छाई
प्रकृति ने क्या छबि है पाई
जीवन हो गया हरा -हरा सा
हरियाली से हरा - भरा सा
चारों तरफ से शोर आए
कावरियों ने धूम मचाए
बाबा बैं द्यनाथ कों बुलाएं
खुशनसीब वो जो दर्शन पाएं
बारह महीने होते है खाश
पर सावन का अलग एहसास
नारा बोल जब जल चढ़ाएं
भोले दानी है अवघड़ दानी
सब देंगे बस सुनाओं कहानी
देवों के महादेव है
कालों के भी काल है
जिनके सिर पर गंगा विराजे
गले मे काला नाग है साजे
विष का प्याला पीने वाले
हर - हर गंगे बोलो सब
गंगा मे मन धोलो सब
हे शंभू हे कैलाशी
आशीर्वाद रखना अविनाशी
नीलम पर कृपा बंनाएं रखना
हे भोले हे सन्यासी
✍️
नीलम दुबे (स्वरचित )
कम्पोजिट विद्यालय रायगंज, खोराबार
गोरखपुर
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