कौन है अपना कौन पराया थाह मिलेगी कहाँ जो सरल है उसे सहजता से राह मिलेगी कहाँ जब तक न पहचानेंगे नयन रंग इस संसार के सपन को साकार करने की सलाह मिलेगी कहाँ ---- निरुपमा मिश्रा " नीरू "
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