ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे प्रियतम की लम्बी आयु बढ़े
इतनी कृपा करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरी विनती जरा सुनना
मेरे पति को अमर करना
इतनी कृपा करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरी विनती जरा सुनना
मेरे पति को अमर करना
आज बरगद ही का दिन है आया
यह त्योहार मेरे मन को भाया
मै तो पूजा करु तुम्हारी
सखियों के साथ दौडी जाऊँ मैं सारी
मेरी चूड़ी अमर करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
यह त्योहार मेरे मन को भाया
मै तो पूजा करु तुम्हारी
सखियों के साथ दौडी जाऊँ मैं सारी
मेरी चूड़ी अमर करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
सावित्री ने तुम्हारा व्रत किया
पति धर्म का पालन किया
यमराज आये सत्यवान के प्राण हरने
सावित्री से वह हार गये
उसके पति के प्राणों को लौटा गये
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
पति धर्म का पालन किया
यमराज आये सत्यवान के प्राण हरने
सावित्री से वह हार गये
उसके पति के प्राणों को लौटा गये
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
साल भर मे यह त्योहार आता
सब सुहागिनों के मन को भाता
सबने पूजा करी तुम्हारी
गावे गीत सब मंगल चारी
सब के पति के प्राणों की रक्षा करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
सब सुहागिनों के मन को भाता
सबने पूजा करी तुम्हारी
गावे गीत सब मंगल चारी
सब के पति के प्राणों की रक्षा करना
ओ बूढ़े बरगद बाबा
मेरे पति को अमर करना
सारिका तिवारी, प्र0अ0,
उ0प्रा0वि0 फुलवामऊ,
वि0क्षे0 बहुआ,
जनपद फतेहपुर
कोई टिप्पणी नहीं