पर्यावरण है परिवार समान
पर्यावरण है
परिवार समान ।
परिवार समान ।
मानव दो तुम
इस पर ध्यान ।।
वृक्ष लगाकर ।
देखो तो ।
वसुधा देगी
आपको सम्मान ।।
इस पर ध्यान ।।
वृक्ष लगाकर ।
देखो तो ।
वसुधा देगी
आपको सम्मान ।।
मानव दो तुम ।
इस पर ध्यान ।
पर्यावरण है ।
परिवार समान ।।
परिवार समान ।।
पृथ्वी का ताप।
यूँ बढ़ना ।
सूखा पड़ना ।
भू जल गिरना ।
क्या होगा ।
इसका परिणाम ।।
यूँ बढ़ना ।
सूखा पड़ना ।
भू जल गिरना ।
क्या होगा ।
इसका परिणाम ।।
मानव दो तुम ।
इस पर ध्यान ।।
पर्यावरण है ।
परिवार सामान ।।
परिवार सामान ।।
बंद करो पर्यावरण से।
छेड़छाड़ ।
वृक्ष लगाओ माहवार ।
बने धरा ये
स्वर्ग समान ।
छेड़छाड़ ।
वृक्ष लगाओ माहवार ।
बने धरा ये
स्वर्ग समान ।
मानव दो तुम।
इस पर ध्यान ।।
पर्यावरण है ।
परिवार सामान ।।
परिवार सामान ।।
न बन ।
हे मानव
तू अंजान ।
वसुधा भी होगी ।
वर्ना अन्य ग्रह समान ।
हे मानव
तू अंजान ।
वसुधा भी होगी ।
वर्ना अन्य ग्रह समान ।
मानव दो तुम।
इस पर ध्यान ।।
पर्यावरण है ।
परिवार समान ।।
परिवार समान ।।
वृक्ष हवा को ।
शुद्ध हैं करते ।
जीवन रुपी ।
ऑक्सीजन हैं देते ।
शुद्ध हैं करते ।
जीवन रुपी ।
ऑक्सीजन हैं देते ।
मानव दो तुम ।
इस पर ध्यान ।
पर्यावरण है ।
परिवार समान।।
परिवार समान।।
जय हिंद, जय भारत, जय शिक्षक
रचनाकार
प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर,
वि0क्षे0-बिलासपुर,
जनपद-रामपुर।
प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर,
वि0क्षे0-बिलासपुर,
जनपद-रामपुर।
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