मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
अवध पूरी आज गर्वित है मेरे प्रभु राम आए हैं,
जगत कुल आज हर्षित है सिया वर राम आए हैं।
खड़ी हूँ मैं किनारे पर ,
प्रभो भवपार कर देना।
नहीं है ज्ञान थोड़ा भी ,
मेरे सब दोष हर लेना।
अवध पुरी आज गर्वित है.........
झमेला दुनियादारी का,
उलझ कर रह गई जिसमें।
नहीं उम्मीद कोई है कि,
मेरे सब कोष भर देना ।
अवध पूरी आज गर्वित है.........
खड़ी हूँ दर पर मैं प्रभु वर,
शरण में अपनी ले लेना।
अबोध अज्ञानी हूं रघुवर,
मेरे सब कष्ट हर देना।
अवध पूरी आज गर्वित है..................
हुआ नहीं ज्ञान वेदों का
किया नहीं जाप, तप कोई
गुजारा कर लूँ थोड़े में
यही संतोष बस देना
अवध पुरी आज गर्वित है..........।।
जगत कुल आज हर्षित है... ।।
✍️
ममताप्रीति श्रीवास्तव
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