रक्तदान
रक्तदान
दुर्लभ मानव जीवन में जब भी मिले सुअवसर,रक्तदान का।
स्वस्थ नागरिक अवश्य करें रक्तदान,पुण्य कमाएं मानव सेवा का।
संक्रामक,शल्य मरीजों को रक्तदान पूर्णता स्वस्थ होने तक वर्जित।
एक यूनिट रक्त,चौबीस घंटे में स्वस्थ शरीर द्वारा पुनःअर्जित।
अठारह से पैंसठ वर्ष,स्वस्थ शरीर के रक्तदान की आयु सीमा।
हर चार माह पर रक्तदान,अनमोल जीवन का सुरक्षित बीमा।
सामान्य रक्तचाप तथा पैंतालीस किलोग्राम से कम ना हो,वजन।
संतुलित आहार,फल,पेय पदार्थो का सेवन रखे,स्वस्थ,मगन।
आधुनिक युग में रक्तदान में पीछे नहीं रही,जागृत महिलाएं।
विशेष परिस्थितियों में समयानुसार परे रहें,महावार, गर्भावस्था और प्रसूताएं।
लौह जनित यकृत रोग,ह्रदय रोग की न्यून रहती,संभावना।
अवसाद तनाव दूर करती,रक्तदान से लोक कल्याण की भावना।
समय-समय पर रक्तदान शिविर लगाती,शासन से मान्यता प्राप्त संस्थाएं।
आपातकालीन परिस्थितियों में स्वतंत्र रूप से रक्तदान करें,जीवन बचाए।
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शिखा पाण्डेय(शिक्षिका)
प्राथमिक विद्यालय पिपरी
विकास खण्ड-बेलघाट जनपद-गोरखपुर
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