मां
मां
जिनकी मां नहीं होती,उनकी दुनिया बेजार है।
मां के इर्द-गिर्द ही घूमता सारा संसार है।
मेरी मां से ही रौशन,मेरा संसार था।
कभी जताया नहीं मैंने,उससे कितना प्यार था।
सुबह उसके हाथ की चाय,याद आती है।
उसके दौर की बातें,ताज़ा हो जाती है।
उसका मुझे बात बात पर डांट लगाना।
तकलीफ में मेरी उसका घबड़ा जाना ।
अपने बच्चों को नानी का दुलार कैसे दिलाऊं।
अपना दुख-दर्द सबसे छुपा के, चुपचाप जिए जाऊं ।
वृद्धाश्रम छोड़ने वाली संतानों से,मेरी अर्ज है।
ध्यान रखें,मां के चरणों में स्वर्ग है।
✍️
शिखा पाण्डेय
प्राथमिक विद्यालय पिपरी
क्षेत्र बेलघाट,गोरखपुर उत्तर प्रदेश
कोई टिप्पणी नहीं