जवानो को समर्पित
लगे जो गोलिया दुश्मन की, तो हस कर झेलते होंगे |
लुटाते होंगे अपनी जाँ,जय हिन्द बोलते होंगे ||
ये है उनकी निगेहबानी ,जो हम मह्फूज इतने है |
हमें भी वतनपरस्ती को, यहाँ अंजाम देना है ||
लुटाते होंगे अपनी जाँ,जय हिन्द बोलते होंगे ||
ये है उनकी निगेहबानी ,जो हम मह्फूज इतने है |
हमें भी वतनपरस्ती को, यहाँ अंजाम देना है ||
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