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" जीत जाएंगे कल"

" जीत जाएंगे कल"

बाल तन है अभी और मन है सरल
आज हारे तो क्या जीत जाएंगे कल।।

बन गुरु द्रोण हमको सिखाते रहें,
शिष्य अर्जुन के जैसे निखर जाएंगे।
मीन जल में हो जैसे ये जीवन तो क्या,
भेदकर लक्ष्य आगे निकल जाएंगे।
दे दें आशीष हो जाए जीवन सफल।
आज हारे तो क्या ......

मातृ भूमि प्रथम,जन की सेवा धरम,
राष्ट्र के नाम जीवन समर्पित रहे।
शीश जब भी झुके हो प्रभु सामने,
मां,पिता,गुरु के चरणों में अर्पित रहे।
मन में विश्वास हरदम रहे ये अटल,
आज हारे तो क्या जीत जाएंगे कल।

बाल तन है अभी और मन ही सरल।।

अविनाश कुमार श्रीवास्तव(ई०प्र०अ०)
प्रा०वि०इटौरा
ब्लॉक-बांसगांव
जनपद-गोरखपुर

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