'मजदूर हूँ'
मजदूर हूँ
पैदल चल पड़ा
घर की ओर
विपदा आयी
सबने छोड़ दिया
मौत की ओर
आशावादी हूँ
खुद ही जीत लूँगा
यह युद्ध भी
तुम कौन हो?
समाज या शासन
बोलो खुद ही
बन निष्ठुर
हमे ढ़केल दिया
काल की ओर...!!
(हाइकू विधा पर आधारित)
✍️रचनाकार:
अभिषेक शुक्ला
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा
विकास क्षेत्र- अमरिया
जिला- पीलीभीत
'मजदूर हूँ'
Reviewed by
Ram krishna mishra
on
मई 20, 2020
Rating:
5
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