मेरा हिन्दुस्तान
मेरा हिन्दुस्तान
तू ही मेरी शान है, तू ही मेरी जान है ।
तू मेरा प्यारा वतन है, तू ही हिन्दुस्तान है ।।
नफरतों की न जगह इस देश में ,
गद्दारो की चलती न यहाँ किसी भेष में ।
देशहित सर्वोपरि यहाँ का भाव है,
शांति संयम रूपी यहाँ हर नाव है ।
पटल विश्व पर इसकी अलग ही ख्याति है,
समभाव मंत्र यहाँ अग्रणी जबकि यहाँ विविध जाति है।
वीरगाथाओं से सुसज्जित स्वर्णिम यहाँ का इतिहास है,
पूर्व, मध्य या आधुनिक हरदम रहा यह खास है ।
तू ही मेरी शान है, तू ही मेरी जान है।
तू मेरा प्यारा वतन है, तू ही हिन्दुस्तान है।।
✍
शिवेन्द्र सिंह (स•अ•)
प्रा•वि•बघैला
शिक्षा क्षेत्र -हसवा
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