जीत हमारी होगी
जीत हमारी होगी . . .
(लक्ष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण हमारी सनातन सभ्यता है। राष्ट्र के प्रति सहचार,सदाचार व सभ्याचार का समन्वित भाव ही हमारी राष्ट्र शक्ति के रूप में पुष्ट होता है।यहांँ अभिप्रेत की सिद्धि के लिए विभिन्न विचारों का एकाकार हो जाना ही इसकी महती विशेषता है ।संप्रति संकट को भी हम इसी बलबूते दूर करने में अपेक्षाकृत कामयाब हो रहे हैं ।इस वैश्विक जंग में भी चाहे चाल किसी की हो,जीत हमारी होगी...)
हिमालय सा धैर्य खड़ा है,
प्रहरी बन वो अडिग अड़ा है।
नदियों सा यहांँ अमित इबादत,
सागर सा उद्देश्य पड़ा है।।
अधीर नहीं हम भीरु नहीं,
बेशक सम्मुख प्रश्न बड़ा है।
दान,ध्यान अरु ज्ञान गहे,
धर्म जनित यहाँ रत्न जड़ा है।।
एक हमीं अद्वितीय हमीं,
जग में ऊंँचा नाम है।
अंबर ऋषि व देव विराजें,
स्थल तीरथ धाम है।।
राम रहीम ओंकार यहांँ,
प्रभु यीशु का वरदान है।
'कोरोना' तू खैर मना ले,
यहीं तेरा अवसान है।।
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अलकेश मणि त्रिपाठी "अविरल"(सoअo)
पू०मा०वि०- दुबौली
विकास क्षेत्र- सलेमपुर
जनपद- देवरिया (उoप्रo)
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