शिक्षा
-:शिक्षा:-
फैलाकर ज्ञान का प्रकाश दूर करती है अंधकार शिक्षा,
मानवता और जीवन जीने का आधार है शिक्षा।
नामुमकिन को भी मुमकिन बनाती है शिक्षा,
बुद्धिहीन को बुद्धिमान बनाती है शिक्षा।
चकाचौंध और वास्तविकता में अंतर बतलाती शिक्षा,
इंसानियत और पशुता के बीच अंतर सिखलाती शिक्षा।
शांति सुकून और खुशियों का अंतर समझाती शिक्षा,
व्यक्ति समाज से नकारात्मकता दूर भगाती शिक्षा।
सारे अवगुण धोती बहुत जरूरी होती है शिक्षा,
नेता अफसर...सबको कर्तव्य बोध कराती शिक्षा।
हम-सबका सर्वोपरि मान-सम्मान बढाती है शिक्षा,
हमारी संस्कृति और देश का मान बढाती है शिक्षा।
फैलाकर ज्ञान का प्रकाश दूर करती है अंधकार शिक्षा,
मानवता और जीवन जीने का आधार है शिक्षा।
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नवनीत शुक्ल(स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भैरवां द्वितीय
शि०क्षे०:-हसवां
जनपद:-फतेहपुर
मूल निवास-रायबरेली
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