अब न्याय जरूरी
अन्यायी पापी समाज का
अब करना न्याय ज़रूरी है....
साधु संतों की रक्षा को,
फिर से अवतार ज़रूरी है...
धर्म अहिंसा है अपना,
बस अपनी यह मज़बूरी है....
साधुओं की निर्मम हत्या को,
बस "गलती" कहना नामंजूरी है....
हम हैं करुणानिधान के अनुयायी
अपना हर रंग सिंदूरी है....
अन्यायी पापी समाज का
अब करना न्याय ज़रूरी है....
इंसान की इंसानियत से,
बस उतनी ही दूरी है...
जितनी दूर हिरनी से,
खुद उसकी कस्तूरी है.....
भव सागर से तरना,
हम सबके लिए बहुत ज़रूरी है...
साधू सन्तो के बिना हम सबकी,
ये ख्वाहिश भी अधूरी है....
अन्यायी पापी समाज का
अब करना न्याय ज़रूरी है....
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