"भला क्या बुरा क्या"
"भला क्या बुरा क्या"
भला क्या बुरा क्या हमें भी बताना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
तुम शहर को बचाने के लिए गाँव डूबा दोगे
फिर गाँव को बचाने के लिए नाव चला दोगे
ज़ख्म पर से नमक का असर हटाना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
थकता है हाड़मांस का हमारा शरीर दुःखता है
नाड़ियो के साथ धमनियों में रक्त सूखता है
फिर भी जी गए तो कारनामा दिखाना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
हक़ छीन -छीन कर अमीर आदमी बन जाओगे
कबतलक हराम के दाने बच्चों को खिलाओगे
कर्म गति की अमिट स्याही कैसे मिटाना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
दौलत से तिजोरियां भर लो क्या परेशानी है
गरीबों के डेरे में किसकी निगहबानी है
कभी ज़मीर पर जमी धूल भी हटाना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
कंधा भी न मिलेगा न बटोरो गरीबों की आहें
माटी में मिल जाने को माटी फैलाएंगी बाहें
अंत मे हम दोनों का एक ही ठिकाना साहेब
गरीबों की जिंदगी सस्ती है क्यों सताना साहेब
भला क्या बुरा क्या हमें भी बताना साहेब ।
✍️
प्रीति गुप्ता
प्राथमिक विद्यालय सहुलाखोर
खजनी गोरखपुर
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