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ये दौर जिंदगी के

ये दौर जिंदगी के

आओ करें कुछ ऐसा
ये दौर गुजर जाए
ढल जाए इस कदर
कि तस्वीर बदल जाए।
मुश्किल नहीं है कुछ भी
जो मिल के ठान लें हम
हम है तो ये जहां है
बस इतना जान ले हम।
आदत बना लें ऐसी
कोई साधना हो जैसी
पालन करें नियम का
कर्त्तव्य पथ पर जाएं।
कुछ लोग कारवां में
शामिल नहीं है अब तक
हसरत है जिंदगी की
अब और न भरमाएं।
उनको नमन करें हम
सेवार्थ जो भी आए
अर्पण करें कुछ ऐसा
सम्मान भी बढ़ाए।
बीते हुए सफर में
कई दौर ऐसे गुजरे
उस दौर की तरह ही
ये दौर गुजर जाए।
ढल जाए इस कदर
कि तस्वीर बदल जाए।।  

✍️
ज्ञानेन्द्र ओझा(स.अ.)
पू.मा.वि.पथरा 
क्षेत्र-खोराबार
गोरखपुर

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