कविता का प्रवाह
जैसे भी हो, कविता का प्रवाह
नहीं रुकना चाहिए,
यह तो जीवन की धारा है,
यह तो सृष्टि का संगीत है।
कविता है मन का उद्गार,
हृदय की भावनाओं का अभिव्यक्ति,
यह है एक कला,
यह है एक संस्कार।
कविता है जीवन का सार,
यह है मनुष्य का आत्मा,
यह है एक शक्ति,
यह है एक आशा।
कविता है एक प्रकाश,
यह है एक मार्गदर्शक,
यह है एक प्रेरणा,
यह है एक चेतना।
तो आओ, हम सब मिलकर,
कविता के प्रवाह को बनाए रखें,
और इस दुनिया को,
एक सुंदर और बेहतर जगह बनाएं।
कविता एक ऐसी कला है, जो मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह मनुष्य के विचारों, भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम है। कविता जीवन का सार है, यह मनुष्य के आत्मा को छूती है। कविता एक शक्ति है, यह मनुष्य को प्रेरित करती है।
कवि का कहना है कि कविता का प्रवाह कभी भी नहीं रुकना चाहिए। कविता एक ऐसी धारा है, जो जीवन में प्रवाहित होती रहती है। कविता मनुष्य के जीवन को सुंदर और बेहतर बनाती है। इसलिए हमें सबको मिलकर कविता के प्रवाह को बनाए रखना चाहिए।
✍️ रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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