आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
आग है कहीं, धुआं है कहीं
लेकिन दमकल नहीं है कहीं
लोग हैं व्यस्त, सब अपने काम में
और आग है किसी के घर में
लोगों को आज फ़ुर्सत कहाँ है
कल तो अख़बार में पढ़ लेंगे
लोगों में है बेरुखी, है गैरत नहीं
आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
जिसे बचाने की चाहत हो
आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
जिसे बचाने की हिम्मत हो
आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
जिसे बचाने की ज़रूरत हो
आग लगी है, लेकिन कोई नहीं है
और इस तरह आग बुझ जाती है
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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