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कलम आज उनकी जय बोल

कलम आज उनकी जय बोल


कलम आज उनकी जय बोल,
जिन्होंने दिया बलिदान,
देश के लिए प्राण दिया,
कर दिया क्रांति का जयघोष।


युवा क्रांतिकारी थे वे,
देश को आजादी दिलाने के लिए,
फांसी के फंदे पर झूल गए,
लेकिन देश नहीं छोड़ा।


इंकलाब जिंदाबाद का नारा,
उन्होंने बुलंद किया था,
आज भी देशवासी उनके,
नाम को याद करते हैं।


सरदार भगत सिंह अमर हैं,
उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया,
आज देश आजाद है,
उनके सपनों को पूरा किया।


✍️ रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।


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