सितारों से आगे
दूर-दराज के गाँवों में,
छोटे-छोटे बच्चे,
सरकारी स्कूलों में,
पढ़ते हैं,
अपने सपनों को लेकर,
सितारों से आगे,
उनके सपने बड़े हैं,
उनके हौसले बुलंद हैं,
वे आगे बढ़ना चाहते हैं,
अपने देश का नाम रोशन करना चाहते हैं,
वे पढ़ते हैं,
लगातार पढ़ते हैं,
अपने शिक्षकों के साथ,
अपने भविष्य को संवारते हैं,
वे जानते हैं,
शिक्षा ही है,
जो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगी,
वे कहते हैं,
हम पढ़ेंगे,
हम आगे बढ़ेंगे,
हम अपने देश का भविष्य बनेंगे,
वे सितारों से आगे,
अपने सपनों को पूरा करने के लिए,
उठ खड़े होंगे,
और देश को गौरवान्वित करेंगे।
✍️ प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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