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न भूल जाना हमें


वक्त के साथ सब बदल गए,
हम भी किसी की जान हुआ करते थे।


कभी थे हम भी इक महफ़िल के सितारे,
अब तो इक तन्हा दीपक हुआ करते हैं।


कभी थे हम भी इक मोहब्बत का ख़्वाब,
अब तो  इक हसरत हुआ करते हैं।


कभी थे हम भी इक आशा का नूर,
अब तो  बस अँधेरा हुआ करते हैं।


याद रखना हमें, प्रवीण है हमारा नाम,
भूल न जाना, हम तुम्हारे ज़माने हुआ करते थे।



✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी" 



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