हम रहे ना रहे
कुछ रहे ना रहे
सांस जब तक चले
हम कहे सब कहे
देश अपना रहे
देश अपना रहे
चाहे आंधी चले
चाहे तूफान चले
चाहे सूरज ढले
चाहे धरती हिले
झंडा ऊंचा रहे
झंडा ऊंचा रहे
हर ह्रदय में अचल
है प्रबल है प्रबल
देश अपना रहे
देश अपना रहे
✍️ नूतन शाही (स.अ.)
प्रा.वि.बेलवार क्षेत्र - खोराबार,गोरखपुर।
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