जो हमें कम जानते हैं
जो हमें कम जानते हैं,
वही हमें पहचानते हैं।
जो हमें ज्यादा जानते हैं,
अक्सर गलत पहचानते हैं।
हमारे भीतर की गहराइयों को,
वो ही देख पाते हैं,
जो हमारे साथ,
थोड़ी देर के लिए ठहरते हैं।
हमारे नकली चेहरों को,
वो ही पहचान पाते हैं,
जो हमारे दिलों में,
थोड़ी देर के लिए झांकते हैं।
हमारे असली रूप को,
वो ही देख पाते हैं,
जो हमारे साथ,
सच्चा प्यार करते हैं।
इसलिए मैं चाहता हूँ,
कि मैं ऐसे लोगों से मिलूं,
जो मुझे कम जानते हैं,
लेकिन मुझे पहचानते हैं।
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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