ओपीएस के लिए आह्वान गीत
ओपीएस के लिए आह्वान गीत
ओपीएस, ओपीएस,
हमारे अधिकार की आवाज,
तुम हो हमारी उम्मीद,
तुम हो हमारा विश्वास।
ओपीएस, ओपीएस,
तुम हो हमारी शान,
तुम हो हमारी जय,
तुम हो हमारा सम्मान।
एनपीएस, एनपीएस,
तुम हो एक सपना,
तुम हो एक जुमला,
तुम हो एक धोखा।
ओपीएस, ओपीएस,
तुम हो हमारी शान,
तुम हो हमारी जय,
तुम हो हमारा सम्मान।
हमारे लिए,
तुम हो एक सहारा,
तुम हो एक जीवन,
तुम हो एक संबल।
ओपीएस, ओपीएस,
तुम हो हमारी शान,
तुम हो हमारी जय,
तुम हो हमारा सम्मान।
आओ सब मिलकर,
आवाज बुलंद करें,
ओपीएस को बहाल करने,
हम सबको लड़ना है।
ओपीएस, ओपीएस,
तुम हो हमारी शान,
तुम हो हमारी जय,
तुम हो हमारा सम्मान।
ओपीएस, ओपीएस,
बहाल करो,
हमारा हक,
हमारा अधिकार।
ओपीएस, ओपीएस,
तुम हो हमारी शान,
तुम हो हमारी जय,
तुम हो हमारा सम्मान।
✍️ रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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