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उंगलियां उठाना भी है जरूरी

उंगलियां उठाना भी है जरूरी


उंगलियां उठाना भी है जरूरी,
जिंदगी में बदलाव लाने के लिए।
जो गलत है उसे सुधारने के लिए,
उंगलियां उठाना भी है जरूरी।


जो व्यक्ति हमेशा चुप रहता है,
उसका कोई वजूद नहीं होता।
जो व्यक्ति आवाज़ उठाता है,
उसका इतिहास होता है।


अब समय आ गया है,
उंगलियां उठाने का।
जो लोग गलत कर रहे हैं,
उनके खिलाफ आवाज़ उठाने का।


जिंदगी में कुछ बदलाव लाना है,
तो उंगलियां उठाने से नहीं डरना चाहिए।
उंगलियां उठाना भी है जरूरी,
एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए।



✍️ शायर : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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